मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल ला देने वाले हनीट्रैप कांड...
एक महिला का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल ला देने वाले हनीट्रैप कांड से जुड़ीं 5 महिलाएं भले ही अभी जेल में हों, मगर उनमें से एक महिला का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस वीडियो में उस वक्त की शिवराज सरकार के एक दिग्गज मंत्री नजर आ रहे हैं. वीडियो वायरल होते ही राज्य में एक बार फिर हनीट्रैप कांड की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक नए वीडियो में पूर्व मंत्री और हनीट्रैप कांड की आरोपी महिला साथ-साथ हैं. इसमें नजर आ रहे दृश्य 'बहुत कुछ' कह रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो ने राज्य की सियासत में एक बार फिर हलचल मचा दी है. इसको लेकर बीजेपी जहां बचाव की मुद्रा में है, वहीं कांग्रेस को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है.
हनी ट्रैप कांड में राज्य में मनपसंद जगह तबादले और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को बड़े काम दिलाने के लिए महिलाओं के उपयोग की बात सामने आई थी. इंदौर के एक इंजीनियर को ब्लैकमेल करने के आरोप में पुलिस ने एक महिला और एक पुरुष को पकड़ा था. इसके बाद इनकी चार अन्य महिला साथियों को भी पुलिस ने पकड़ा था. पांचों महिलाएं इन दिनों जेल में हैं.
मध्य प्रदेश के राजगढ़, छतरपुर और भोपाल की पांच महिलाओं ने मिलकर हनी ट्रैप का संगठित रैकेट तैयार किया था. इस रैकेट के जरिए वो राजनेताओं और सीनियर अफसरों को हनी ट्रैप में फंसाने का काम करती थीं. आरोपियों ने कई राजनेताओं और अफसरों की सीडी बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और करोड़ों रुपए ऐंठ लिए. एसआईटी की जांच में सामने आया कि हनी ट्रैप के इस सिंडीकेट में करीब 40 कॉल गर्ल्स थीं.
जिनमें बॉलीवुड की कुछ हीरोइने भी शामिल थीं. जो ना सिर्फ नेताओं और अफसरों के करीब गईं बल्कि बेहद शातिराना तरीके से उनकी वीडियो भी बना ली. इनकी दूसरी टीम ने उन्हीं पिक्चरों को अपने शिकार से पैसे ऐंठने और उनसे सरकारी काम निकलवाने का जरिया बना लिया. जो हसीनाएं सियासत और नौकरशाही के आला लोगों के कमरे तक पहुंचती थी, अपने शिकार को जाल में फंसाने में पूरी एहतियात बरतती थीं.
इनके पास होटलों में रुकने के लिए फर्जी आईडीज़ थी. ये खुलासा तो खुद पुलिस भी कर चुकी है. हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप और जबरन वसूली मामले में भोपाल के कई पत्रकारों के नाम उभरकर सामने आए थे. मामले में कथित भूमिका वाले पत्रकारों में हिंदी समाचार पत्र का एक रेजिडेंट एडिटर, न्यूज चैनल का एक कैमरामैन और क्षेत्रीय सैटेलाइट टीवी चैनल का मालिक शामिल थे.
एसआईटी ने जांच के दौरान कहा था कि अगर सबूतों में पाया गया कि नौकरशाहों ने सेक्स स्कैंडल के सरगनाओं की बात मानने के लिए अपने पद का दुरोपयोग किया है तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. सबसे महत्वपूर्ण कामों में नौकरशाहों और नेताओं द्वारा सेक्स-स्कैंडल के सरगना को आवंटित ठेकों का पता लगाना है.
पुलिस को इन ब्लैकमेलर हसीनाओं के पास से एक दो नहीं बल्कि पूरे 90 ऐसे वीडियो मिले थे जिनमें सियासतदानों से लेकर ब्यूरोक्रेट तक की गंदी बातें रिकार्ड हैं. इसके अलावा इन शिकारी महिलाओं के पास से 8 सिम कार्ड्स भी मिले हैं. जिनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. इस हाई प्रोफाइल स्कैंडल में पकड़ी गईं पांच में से दो महिलाओं ने लोकसभा चुनाव के दौरान कई बड़े नेताओं के अंतरंग संबंध वाले वीडियो 30 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की थी. लेन-देन को लेकर कुछ नेताओं से इन महिलाओं की कई दौर की बातचीत भी हुई थी.
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