शुरू हुई कवायद...
75 साल बाद दस्तावेजों
से हटेगा बाबरी
मस्जिद का नाम
अयोध्या मामले पर सुप्रीम
कोर्ट के फैसले
में विवादित भूमि
हिंदू पक्षकारों को
मिलने के बाद
सुन्नी वक्फ बोर्ड
के दस्तावेजों से
भी बाबरी मस्जिद
का नाम हटाए
जाने की कवायद
शुरू हो गई
है। क्फ बोर्ड की 26 नवंबर
को होने वाली
बैठक में नाम
हटाने पर मुहर
लगने की संभावना
है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड
के दस्तावेज रजिस्टर
दफा 37 में एक
लाख 23 हजार से
ज्यादा वक्फ संपत्तियां
दर्ज हैं। सर्वे
वक्फ कमिश्नर विभाग
ने 75 साल पहले
वर्ष 1944 में सुन्नी
वक्फ बोर्ड के
दस्तावेजों में बाबरी
मस्जिद को दर्ज
कराया था। यह
वक्फ नंबर 26 पर
बाबरी मस्जिद अयोध्या
जिला फैजाबाद नाम
से दर्ज है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले
में सुन्नी वक्फ
बोर्ड को अयोध्या
में मस्जिद के
लिए पांच एकड़
जमीन देने की
बात कही है।
बोर्ड ने इस
मुद्दे पर 26 नवंबर को
कार्यकारिणी की बैठक
बुलाई है।उलमा सहित तमाम
लोग पांच एकड़
जमीन लेने के
पक्ष में नहीं
हैं, जबकि अन्य
लोगों की राय
है कि जमीन
लेकर उस पर
मस्जिद के साथ
अस्पताल और एक
बड़ा शैक्षिक संस्थान
का निर्माण कराया
जाए।
बैठक में
इन सुझावों को
विचार-विमर्श के
लिए बोर्ड के
सदस्यों के सामने
रखा जाएगा। सूत्रों
के अनुसार इस
बैठक में वक्फ
बोर्ड के दस्तावेज
से बाबरी मस्जिद
का नाम हटाने
पर भी फैसला
हो सकता है। कानून के जानकारों
का कहना है
कि सुप्रीम कोर्ट
के फैसले के
बाद दस्तावेज से
बाबरी मस्जिद का
नाम हटाना एक
प्रक्रिया है, जिसे
वक्फ बोर्ड को
पूरा करना है।
अगर ऑल इंडिया
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
सहित अन्य पक्षकारों
की ओर से
पुनर्विचार याचिका दाखिल की
भी जाती है
तो सुन्नी वक्फ
बोर्ड के दस्तावेज
से बाबरी मस्जिद
का नाम हटाने
से कोई फर्क
नहीं पड़ेगा।.
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