बार-बार जाति बदलकर चुनाव लड़ने का आरोप...
कांग्रेस विधायक जजपाल सिंह के विधायक बने रहने पर खतरा
भोपाल l पवई से भाजपा विधायक प्रह्लाद लोधी के बाद अब अशोकनगर से कांग्रेस विधायक जजपाल सिंह की विधायक बने रहने पर संकट है। जजपाल सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बार बार अपनी जाति बदलकर चुनाव लड़ा है और विधायक बन गए। फिलहाल उनकी जाति का मामला हाईकोर्ट में है।
हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। विधायक जजपाल सिंह ने कहा है कि उनके खिलाफ इस मामले में राजनीति की गई है। विधायक जजपाल पर आरोप हैं कि वे सामान्य कोटे से जनपद सदस्य निर्वाचित हुए, फिर कीर जाति के आधार पर ओबीसी के लिए आरक्षित नगरपालिका परिषद अशोकनगर के अध्यक्ष बन गए।
बाद में खुद को नट जाति का बताकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीट अशोकनगर से चुनाव लड़े और विधायक बन गए। वहीं, पुलिस और प्रशासन के वेरिफिकेशन विधायक जजपाल के शैक्षणिक दस्तावेज से लेकर शस्त्र लाइसेंस में उनकी जाति सिख लिखी हुई है।
विधायक जजपाल पर लगे आरोपों के बाद राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने ओबीसी और अजा दोनों ही प्रमाण पत्रों को फर्जी और कूटरचित बताकर खारिज कर दिया है। फिलहाल मामला हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फिर समिति के सामने आया है। कोर्ट ने जजपाल को सुनवाई का एक अवसर देने का निर्देश तो दिया है और 20 नवंबर तक वक्त दिया था। साथ ही ये भी कहा है कि विधायक जजपाल अनुसूचित जाति को मिलने वाला कोई लाभ नहीं ले पाएंगे।
इधर, विपक्षी दल भाजपा मामले को राज्यपाल लालजी टंडन के समक्ष ले जा रही है, ताकि फर्जी जाति के आधार पर चुनाव लड़ने के कारण जजपाल को अयोग्य घोषित कराया जा सके।
जजपाल सिंह ने आरोप लगाया कि जाति प्रमाणपत्रों की जांच के दौरान उनके पक्ष को नहीं सुना गया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ ये मुद्दे राजनीति से प्रेरित हैं। मेरा मामला हाईकोर्ट में है इसलिए ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा।
आरोप
• जजपाल सिंह 1994-1999 तक सामान्य सीट से जनपद पंचायत सदस्य रहे।
• 1999 में उन्होंने एससी सीट से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा।
• दिसंबर 1999 में ही ओबीसी के आधार पर अशोकनगर नगरपालिका अध्यक्ष चुने गए।
• 2013 में फिर एससी कोटे से अशोकनगर सीट से चुनाव लड़ा।
• 2018 में इसी सीट आरक्षित सीट से विधायक चुने गए।
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